जैन धर्म का प्रचार-प्रसार करना। जैन मुनि के आहार व विहार की व्यवस्था में सहयोग करना।
शाकाहार का प्रचार प्रसार करना।
जैन समाज को एक कड़ी में बाधना।
जैन समाज के उत्थान के लिए शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य करना।
जैन धर्म को राष्ट्रीय स्तर पर स्वतन्त्रता व अल्पसंख्यक धर्म घोषित कराना मांग तथा शान्ती पूर्ण अहिंसात्मक आन्दोलन करना।
जैन समाज को सामाजिक, आर्थिक एवम् राजनैतिक स्तर पर मजबूत करना।
सरकारी नौकरियों में जैन समाज की भागीदारी बढ़ाना एवम् विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ जैन समाज को दिलाना।
जैन समाज के मेधावी छात्र व छात्राओं के पुरोत्साहन के लिए कार्य करना।
जैन समाज के आपसी विवादों को पंच फैसले से निपटाकर जैन समाज को न्यायालयों के कष्टों से बचाने एवं शीय सच्चा न्याय प्रदान कराना।
प्रतिनिधित्व :नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत विधान सभा विधान परिषद लोकसभा राज्य सभा, सलहाकार समितियों जिला परिषद आदि सरकारी संस्थाओं में जैन समाज को समाज को समुचित प्रतिनिधित्व दिलवाना।
श्री दिगंबर जैन नवयुवक संघ श्री दिगंबर जैन विकास समिति इटावा उत्तर प्रदेश रजिस्टर्ड का लगभग 17 वर्षीय सफर का आकलन एवं उसकी समीक्षा करना भी अपने आप में बहुत ही बड़ी जिम्मेदारी का काम है फिर भी संक्षेप में कह सकते हैं कि-
बाल योगी प्रज्ञा भ्रमण 108 मुनि श्री अमित सागर जी महाराज का मैनपुरी चतुर्मास पूर्ण हो जाने पर इटावा की ओर आगमन हुआ क्योंकि नया शहर इटावा के जैन मंदिर मैं नई वेदी एवं संपूर्ण समाज के तथा स्व. श्री पदमचंदजी जैन सर्राफ के पूर्ण सहयोग से श्री पार्श्वनाथ भगवान की पंद्रहफनी 51 इंच ऊंची पद्मासन अष्टधातु की प्रतिमा की पंचकल्याणक प्रतिष्ठा संपन्न कराने हेतु उनका शुभागमन इटावा में जरूरी हो गया था 2001 जनवरी माह में आयोजन पूर्ण हो जाने पर चलते समय महाराज श्री ने युवकों को का धार्मिक उत्साह देखकर कहा कि आप सभी के तथा बाहर से भी सहयोगपूर्वक यह आयोजन पूर्ण हो गया है अब आप लोग सभी युवाजन समाजपयोगी एवं कल्याणकारी कार्यों में संलग्न हो इसके लिए एक संगठन बनाया जाए तब श्री राकेश जैन एवं अजीत कुमार जैन के नेतृत्व में श्री दिगंबर जैन नवयुवक संघ की स्थापना हुई श्री योगेंद्र जैन तथा महामंत्री श्री धर्मेंद्र जैन और कोषाध्यक्ष श्री मनोज जैन बने !
नवयुवक संघ के द्वारा आई कैंप लगाना आम जनता के लिए मेडिकल जांच कराना तथा हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट जैन छात्र छात्राओं को प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने पर सार्वजनिक रूप से सम्मानित करना एवं उनकी आगे की पढ़ाई हेतु पढ़ाई हेतु आर्थिक सहायता करना आदि सामाजिक तथा धार्मिक कार्य संपन्न होने लगे तथा संघ की जिम्मेदारी भी बढ़ने लगी तब समस्या धन की आ गई समाज द्वारा जो धन मिलता था उससे काम करने में उत्साह क्षीण होने लगा था सरकारी सहायता की उम्मीद नहीं थी और ना ही होने के नाते वह मिल भी नहीं सकती थी क्योंकि हम अच्छी तरह जानते हैं कि इतने वर्षों की हमारी सरकार हो गई जिसमें सिर्फ माननीय भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई के शासनकाल में उनके द्वारा अखिल भारतीय जैन समाज के लिए 100 करोड़ की सहायता राशि दी गई थी ना तो इससे पहले पहले और ना इसके बाद किसी प्रकार की कोई आर्थिक सहायता भारत के जैन समाज के लिए मिली है हमारा जैन समाज अपने लोगों के अतिरिक्त अपने आयोजनों के लिए कभी भी किसी अन्य समाज या सरकार से कोई चंदा नहीं करता है! हां यदि कोई स्वेच्छा से सहयोग करता है तो मना भी नहीं करते हैं सम्मानित विद्यार्थियों की संख्या विधार्थीयो की संख्या भी बढ़ने लगी महंगाई भी बढ़ने लगी और चिंता भी बढ़ने लगी कहां से फंड एकत्रित किया जाए?
फिर मुझे इस संस्था का प्रदेश परम संरक्षक बनाया गया मैंने अतिरिक्त समाज के और और भी लोगों और भी लोग संरक्षक बने हमने सुझाव दिया कि यदि कोई बाहरी सहायता राशि चाहिए तो संस्था को रजिस्टर्ड कराना होगा इसके बिना काम नहीं चलेगा हमारी राय सुदर्शन जैन एवं धर्मेंद्र जी की समझ में आ गई और धर्मेंद्र जी ने और धर्मेंद्र जी ने रजिस्ट्रेशन कराने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी श्री दिगंबर जैन विकास समिति नाम रखा गया और बार बार की परेशानियों से बचने के लिए उत्तर प्रदेश स्तर की कमेटी बनाने का प्रयास किया गया और भाई उत्तर प्रदेश की कमेटी का रजिस्ट्रेशन हो गया इस कार्य के संपन्न होने में श्री नवीन जैन लखनऊ वालों ने अप्रत्यक्ष रुप से सहयोग किया है जब जैन समाज की सेवा का दायरा बढ़ने लगा तो संस्था के संरक्षक पदाधिकारी भी बड़े संरक्षकों में
गुलाब चंद जी पातीराम जी श्री रमेश चंद जी वैद्य जी विवेक जी तरुण जी जैन आलोक जैन अनिल जैन अहिंसा वाले मनीष जी संजीव जैन ठेकेदार आदि कई संरक्षक एवं पदाधिकारी बने जिला स्तर की कमेटी और उत्तर प्रदेश की कमेटी लखनऊ मंडल कानपुर मंडल आगरा मंडल अलीगढ़ आदि कई मंडल से संस्था बड़ी जिम्मेदारी बढ़ गई अधिक धन की आवश्यकता हुई अतः एवं समाज के सभी धर्मप्रेमी बंधुओं से अपील है कि इस पवित्र कार्यक्रम को सफलतापूर्वक चलते रहने के लिए स्थाई रूप से धन प्रदान करने का भाव बनाएं जिससे उसके ब्याज से ही सारे कार्य संपन्न हो सके बच्चों की हाई स्कूल तथा इंटरमीडिएट की से आगे की पढ़ाई हेतु एक बच्चे एक बच्चे के लिए एक एक व्यक्ति भी सामने आए आ जाए तो पुण्य कार्य आसानी से संभव हो सकता है यह कार्य यह प्रशंसनीय प्रशंसनीय कार्य औषधिदान तथा ज्ञानदान के अंतर्गत आता है चार प्रकार के दानों में यह दोनों दान प्रथम स्थान पर कहे गए हैं (औषधि, शास्त्र, अभय और आहारदान) इससे अच्छे पुण्य उपार्जन होता है
सर्वप्रथम मेरे बाबू हुए हैं मेरे भाव हुए हैं कि एक बच्चे की आगामी 3 या 4 साल की पढ़ाई हेतु हमारी तरफ से सहयोग रहेगा तथा एक रोगी व्यक्ति की सहायता हेतु जो खर्च आएगा वह दिया जाएगा हम चाहते हैं कि हमारे यह दोनों हाथ सैकड़ों हाथों में तब्दील हो जाएं और समाज का कोई भी काम अधूरा ना रह जाए इसलिए मैं आज आवाहन करता हूं सभी भाई बहनों को आगे बढ़कर हमारे हाथों से हाथ से हाथ जोड़कर इस पुण्य कार्य में यथाशक्ति सहयोग की भावना का प्रदर्शन करें और हमारे साथ साथ बोले हम सब एक हैं हम सब एक हैं जय युवा शक्ति जय भारत जय जिनेंद्र
निवेदक
पंडित महेंद्र कुमार जैन
परम संरक्षक प्रदेश परम संरक्षक
श्री दिगंबर जैन विकास समिति
इटावा उत्तर प्रदेश